UP Snake Bite Scheme: क्या आप जानते हैं कि अगर सांप के काटने से किसी की मौत हो जाए तो उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देती है? बारिश के मौसम में सांपों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं और ऐसी स्थिति में यह स्कीम परिवारों के लिए बड़ा सहारा बन सकती है। आइए जानते हैं कि यूपी सरकार की इस मुआवजा योजना में कितना पैसा मिलता है और इसे कैसे पाया जा सकता है।
सांप के काटने को यूपी में माना गया है आपदा
उत्तर प्रदेश में सांप के काटने से होने वाली मौत को सरकार ने राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया है। इसका मतलब है कि अगर किसी की सर्पदंश से मृत्यु होती है तो उसके परिवार को सरकार की ओर से 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह योजना खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी है जहां खेतों में काम करते समय सांप के काटने की घटनाएं आम हैं। यूपी सरकार ने इस स्कीम को 2018 में शुरू किया था ताकि पीड़ित परिवारों को आर्थिक संकट से उबारा जा सके।
मुआवजा कितना मिलेगा?
सर्प के काटने पर मृत्यु होने पर उत्तर प्रदेश में शासन द्वारा 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। अगर मृतक किसान है तो उसे किसान बीमा योजना के तहत अतिरिक्त 1 लाख रुपये भी मिल सकते हैं। यानी कुल मिलाकर 5 लाख रुपये तक की सहायता संभव है। यह राशि राज्य आपदा राहत कोष से दी जाती है, और इसे जल्द से जल्द पीड़ित परिवार के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
क्यों जरूरी है यह योजना?
भारत में हर साल करीब 58,000 लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवाते हैं, और इनमें से 97% मामले ग्रामीण इलाकों में होते हैं। उत्तर प्रदेश में भी सर्पदंश की घटनाएं बारिश के मौसम में खासकर बढ़ जाती हैं। खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर अक्सर इसका शिकार होते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार का कमाने वाला सदस्य खो देना आर्थिक रूप से बहुत बड़ा झटका होता है। यूपी सरकार की यह स्कीम ऐसे परिवारों को तुरंत राहत देने का काम करती है।
मुआवजा पाने के लिए क्या करना होगा?
मुआवजा पाने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने पड़ते हैं। सबसे अहम है कि सांप के काटने से हुई मौत की पुष्टि के लिए पोस्टमॉर्टम कराना अनिवार्य है। बिना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुआवजा नहीं मिलेगा। इसके अलावा, परिवार को कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे और समय सीमा का ध्यान रखना होगा।
मुआवजा पाने के लिए आवेदन कैसे करें?
- सूचना देना: सांप के काटने से मृत्यु होने पर 24 से 72 घंटे के अंदर 1070 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके सूचना दें। आप चाहें तो नजदीकी जिला मजिस्ट्रेट (DM) कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
- पोस्टमॉर्टम: मृतक का पोस्टमॉर्टम करवाएं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ होना चाहिए कि मौत सांप के काटने से हुई है।
- दस्तावेज जमा करें: मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट संबंधित कार्यालय (लेखपाल, तहसीलदार, या DM ऑफिस) में जमा करें।
- वेरिफिकेशन: अधिकारी सभी दस्तावेजों की जांच करेंगे। अगर सब कुछ सही पाया गया, तो मुआवजा राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
- समय सीमा: मृत्यु के 7 दिनों के अंदर आवेदन करना जरूरी है, ताकि प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके।
सांप के काटने पर क्या करें?
यूपी सरकार ने साफ कहा है कि सांप के काटने पर तुरंत अस्पताल जाएं और एंटी-वेनम इंजेक्शन लगवाएं। झाड़-फूंक या देसी इलाज के चक्कर में न पड़ें क्योंकि इससे जान बचने की संभावना कम हो जाती है। अगर समय पर इलाज मिले तो ज्यादातर मामलों में मरीज की जान बच सकती है। अस्पताल में इलाज मुफ्त है और यह सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है।
जागरूकता का अभाव क्यों है?
कई बार लोग इस स्कीम के बारे में नहीं जानते जिसके कारण वे मुआवजा पाने से वंचित रह जाते हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के कारण लोग पोस्टमॉर्टम नहीं करवाते या समय पर आवेदन नहीं करते। यूपी सरकार ने अब इस दिशा में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
अन्य राज्यों में क्या है नियम?
उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और केरल जैसे राज्यों में भी सांप के काटने से मृत्यु पर मुआवजा देने की स्कीम है। बिहार में 4 लाख रुपये और केरल में 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलता है। हालांकि कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र सांप को वन्यजीव की श्रेणी में नहीं मानते जिसके कारण वहां मुआवजा नहीं दिया जाता।
निष्कर्ष
यूपी सरकार की सांप के काटने से मृत्यु पर मुआवजा स्कीम ग्रामीण परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा है। 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद न सिर्फ परिवार को आर्थिक संकट से उबारती है बल्कि उनके लिए नई शुरुआत का रास्ता भी खोलती है। अगर आपके आसपास ऐसी कोई घटना होती है तो तुरंत अस्पताल जाएं, पोस्टमॉर्टम करवाएं और समय रहते मुआवजा के लिए आवेदन करें। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का फायदा उठा सकें।