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B.ED Teacher New Rules: अब प्राइमरी टीचर बनने के लिए बीएड की डिग्री की ज़रूरत नहीं!

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B.ED Teacher New Rules: अगर आप भी प्राइमरी विद्यालयों में अध्यापन कार्य के लिए प्राइमरी टीचर्स भर्ती (PRT) 2025 में शामिल होने के इच्छुक हैं, तो आपको इससे संबंधित नये नियमों से जरूर अवगत होना चाहिए। जो केंद्र की नई शिक्षा नीति – 2020 के अनुसार देश की शिक्षा-व्यवस्था को ढालने के क्रम में लागू किये जा रहे हैं। हमें जानना चाहिये कि देश की NEP में प्राथमिक स्तर वाले बच्चों की शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है।

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य के‌ लिये अब कौन सा कोर्स है जरूरी

गौरतलब है कि हर तरह के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए अब तक बीएड की डिग्री को मान्यता प्राप्त थी। पर अगस्त, 2023 में देश के शीर्ष-अदालत के एक फैसले से अब सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने के इच्छुक लोगों के लिए बीएड की डिग्री की आवश्यकता ख़त्म हो गई है। नये नियमों के मुताबिक अब देश के पहली से पांचवीं दर्जे तक सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक बनने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को पहले डीएलएड – ‘डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन’ (DELED) का दो वर्षीय कोर्स करना होगा।

प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक बनने हेतु जरूरी D.El.Ed कोर्स क्या है?

सनद रहे कि डीएलएड (D.El.Ed) अथवा ‘डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन’ को पहले ‘बीटीसी’ के नाम से जाना जाता था। प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षण हेतु अभ्यर्थियों में समुचित पात्रता विकसित करने के उद्देश्य से संचालित इस दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिक कक्षाओं के स्तर के छोटे बच्चों को शिक्षित करने की ट्रेनिंग दी जाती है।

नये नियमों के मुताबिक प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य इस डीएलएड के द्विवार्षिक डिप्लोमा कोर्स को कुल चार सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। ‘डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन’ के इस कोर्स में ट्रेनी को सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक दोनों ही विधाओं में शिक्षण-प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर अध्यापन कार्य के इच्छुक उम्मीदवारों को छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार करना है।

वर्ष 2030 से लागू होगा आईटीईपी (ITEP) का कोर्स

देश की नई शिक्षा नीति – 2020 के अनुरूप साल 2030 तक ‘इंटीग्रेटेड टीचर्स एजूकेशन प्रोग्राम’ या आईटीबीपी (ITEP) का कोर्स करना अनिवार्य होगा, और यह नियम पूरे भारत में लागू होगा। बता दें कि प्राइमरी लेवल पर अध्यापन के लिए अनिवार्य होने जा रहा आईटीईपी का यह चार वर्षीय डिग्री प्रदान करने वाला कोर्स बारहवीं (10+2) उत्तीर्ण होने के बाद किया जा सकता है। ‘इंटीग्रेटेड टीचर्स एजूकेशन प्रोग्राम’ अभी देश के कई मान्यता-प्राप्त शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में चल रहा है। 2030 तक इस कोर्स की उपलब्धता पूरे देश में संभव हो जायेगी।

भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार अध्यापक बनने के लिए इस आईटीईपी डिग्री कोर्स के आने के बाद बीएड का डिग्री कोर्स पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। आईटीईपी का यह कोर्स प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक हर स्तर पर अध्यापन कार्य के लिए उम्मीदवारों को तैयार करेगा।

तो अगर आप भी देश के प्राइमरी स्कूलों में अध्यापक बनने की ख़्वाहिश रखते हैं, तो यहां दी गई जानकारियों पर अवश्य गौर कर लें।