Contract Employees Regularisation News: उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप ऑपरेटरों को बड़ी राहत पेश की गई है। हाई कोर्ट के आदेशानुसार, अब 93 आउटसोर्स कर्मचारियों का चार महीने के भीतर नियमितीकरण करना होगा।
आउटसोर्स कर्मियों को रेगुलर करने आदेश जारी
उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों के लिए हाई कोर्ट से अच्छी खबर आयी है। कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को 93 आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा जिन 23 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं, उन्हें 3 महीने के भीतर पुनः नियोजित करने का फैसला सुनाया गया है।
दरअसल, शिकायतकर्ता सतीश कुमार के अनुसार साल 2010 में जलकल विभाग व अन्य अधिकारी मिलकर आउटसोर्स संविदा कर्मचारियों की सैलरी, ईपीएफ व ईएसआई की धनराशि का गबन कर रहे थे। इसके खिलाफ नोएडा जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में पिटीशन फाइल किया था। संचालकों की मांग थी कि उन्हें भारत सरकार द्वारा बनाए गए जीईएम पोर्टल के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप ऑपरेटरों के बराबर सैलरी दिया जाए।
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने औद्योगिक विकास, यूपी सरकार के प्रमुख सचिव को आदेश देते हुए चार महीने के भीतर संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को कहा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने औद्योगिक विकास, यूपी सरकार के प्रमुख सचिव को 4 महीने के अंदर निष्कासित संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 14 मई 2025 को एक और आदेश दिया था, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से निकाले गए विभिन्न सरकारी विभागों के 23 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नौकरी तीन महीने के भीतर बहाल की जाये।
यूपी सरकार में 8 लाख आउटसोर्स संविदा कर्मचारी कार्यरत
बता दें कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में 8 लाख से अधिक आउटसोर्स संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की भर्ती एजेंसियों के द्वारा की जाती है।
गौरमतलब है कि लंबे समय से संविदा कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी और नियमतिकरण के लिए मांग उठ रही है। कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने अभी हाल ही में आउटसोर्स सेवा निगम को गठित करने का निर्णय लिया है। इस आउटसोर्स निगम के माध्यम से संविदाकर्मियों के न्यूनतम मासिक वेतन को 18 हजार तथा अधिकतम 25 हजार रूपए तक बढ़ाया जायेगा। साथ ही में उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिसमें कर्मचारी को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जायेगा।