UP TGT Exam News: उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त विद्यालयों में विज्ञान के शिक्षण के लिए टीजीटी (Trained Graduate Teacher) की भर्ती के लिए अब जीव-विज्ञान के स्नातक पात्र नहीं होंगे। यूपी बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन ने यह निर्णय लिया है, जिसके तहत अब उत्तर प्रदेश के 4512 एडेड कॉलेज में विज्ञान विषय के शिक्षण हेतु प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों (TGT) की नियुक्ति के लिए जीव विज्ञान के स्नातक अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकेंगे।
यूपी टीजीटी विज्ञान विषय के शिक्षकों की नियुक्ति हेतु क्या है संशोधित नियमावली
यूपी टीजीटी विज्ञान शिक्षक-भर्ती के लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालयों हेतु जारी इस संशोधित नियमावली के मुताबिक सहायता प्राप्त विद्यालयों में जीव-विज्ञान के शिक्षकों का पद समाप्त कर दिया गया है। जिसके मायने है कि उत्तर प्रदेश में अब विज्ञान विषय के टीजीटी शिक्षकों की भर्ती हेतु भौतिक और रसायन विज्ञान के स्नातक ही पात्र माने जायेंगे। इससे पहले अब तक यूपी टीजीटी के विज्ञान शिक्षक-भर्ती में विज्ञान व जीव-विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती की जाती थी।
हालांकि एलटी ग्रेड के जीव-विज्ञान के सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पात्रता में वनस्पति विज्ञान और जंतु-विज्ञान से स्नातक के साथ ही बीएड की उपाधि को मान्यता दी गई है।
शिक्षक भर्ती में वित्त-विहीन स्कूलों के लिए पात्रता स्पष्ट नहीं
यूपी-टीजीटी विज्ञान विषय के अध्यापकों की भर्ती हेतु शासन द्वारा स्वीकृत नई नियमावली में उत्तर प्रदेश के नॉन-एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रावधानों को स्पष्ट नहीं किया गया है। जबकि इससे पहले अब तक राज्य के सभी वित्तीय सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त या वित्त-विहीन हर तरह के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती के लिए पात्रता हेतु समान कसौटी लागू थी।
यूपी-टीजीटी विज्ञान विषय के शिक्षकों की भर्ती हेतु शासन द्वारा घोषित नये प्रावधानों में अबकी बार प्रदेश के सिर्फ सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को ही शामिल किया गया है। यूपी टीजीटी में विज्ञान शिक्षक-भर्ती के लिए घोषित नये प्रावधानों के मुताबिक राज्य के सहायता प्राप्त विद्यालयों में विज्ञान शिक्षण के लिए अब जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और रसायन विज्ञान (ZBC group) विषयों से स्नातक करने वालों को मौका नहीं मिल पायेगा। भर्ती के लिए लागू नये नियमों के अनुसार नागरिक-शास्त्र के प्रवक्ता पद के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों को नागरिक-शास्त्र से स्नातकोत्तर करने के साथ ही बीएड की डिग्री पाना भी अनिवार्य होगा।
नये प्रावधानों का अभ्यर्थियों द्वारा किया जा रहा विरोध
यूपी टीजीटी विज्ञान के अध्यापकों की भर्ती हेतु शासन द्वारा स्वीकृत नई नियमावली का अभ्यर्थियों और विभिन्न शिक्षक-संघों द्वारा काफी विरोध भी दर्ज कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स के अंतर्गत विज्ञान विषय के अध्यापकों हेतु जारी नई व्यवस्था का विरोध कर रहे ऐसे लोगों का कहना है कि हाईस्कूल के विज्ञान विषयों में एक-तिहाई हिस्सा जीव-विज्ञान का है।
नई नियमावली के मुताबिक अब यूपी टीजीटी के तहत विज्ञान शिक्षकों की भर्ती में उन उम्मीदवारों को अवसर मिलेगा जिन्होंने भौतिकी और रसायन विज्ञान विषयों से स्नातक किया है। ऐसे अभ्यर्थी केवल हाईस्कूल के स्तर तक ही जीव-विज्ञान का अध्ययन करते हैं। इसलिए उन्हें जीव-विज्ञान विषय की उतनी समझ नहीं होगी जितनी जीव-विज्ञान विषय से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को होती है। और इसीलिए यूपी टीजीटी विज्ञान विषय के शिक्षण हेतु शासन द्वारा घोषित नये प्रावधान पूरी तरह असंगत हैं।